मारवाड़ी हूंकार बात

 सब 'कुँवारा' भाई लोगा ने सादर समर्पित ।

 


💘🙇💘"कुँवारा री पीड़"💘🙇💘


दुनिया का सब 'कुँवारा'मिल कर,

मीटिंग है बुलवाई ।


जा कर के 'भगवान' के आगे अर्जी एक लगाई ।।


अर्जी एक लगाई,

"प्रभु"म्हारी नैया पार लगावो।


काई बिगाड्यो थाँ को,

म्हाने क्यूँ नहीं परणावो ।।



म्हे सुणी हां थारे पास,

है सगळा की जोड़ी ।


म्हारी बारी कद आसी,

म्हे कद चढ़ाला घोड़ी ।।


कद चढाला घोड़ी,

लुगाई म्हाने भी दिलवाओ ।


दुनिया ताना मारे वां को,

मुण्डो बंद करावो ।।



इस्यो कांई बुरो कियो जो,

म्हे इतनो दुःख पाँवा ।


रोजीना थाँ के मिन्दर में,

हाज़री लगावा ।।


हाज़री लगावा ,

रोज चढ़ावां लाडू पेठा ।


धारली ढिठाई थे तो,

निष्ठुर बन कर बेठा ।।



पग पकड़ां 'भगवान्' थारां,

अब थाँ को जिद छोड़ो ।


सगळा काम करा हाथां सु,

रोट्यां को भी फोड़ो ।।


रोट्यां को भी फोड़ो,

पाँती आवे जिसी देदो ।


नहीं देणे री मन में है तो,

साफ़ साफ़ कहदो ।।



'कुँवारा'की बात सुण कर ,

"भगवन" कर्यो विचार ।


आ सगळा की किस्मत में,

कैयां कोनी 'नार' ।।


कैयां कोनी 'नार',

देखणा पड़ सी सगळा खाता ।


इत्ती बड़ी भूल कियां,

कर दिनी 'बेमाता' ।।



तकदीरा का पोथी पाना,

सगळा सामा खोल्या ।


लेखा जोखा देख कर,

"भगवान्"पाछा बोल्या ।।


"भगवान्" पाछा बोल्या,

दुःख नहीं लिखोड़ो थारे ।


सुख ही सुख लिखोड़ो ,

'नारी' कियां लगाऊँ लारे ।।



बडेरां री पुण्याई ही, थांरै आडी आई ।


चोखा करम करोड़ा थांकी,

कोनी हुई सगाई ।।


कोनी हुई सगाई ,

उम्र भर थे रेवोला सोरा ।


'पराणोडा' ने जा कर पूछो,

वे है कितना दोरा ।।



पत्नी सुख ने छोड कर,

सब सुख थाने मिलसो ।


खोटा करम करोड़ा,

वा ने ही लुगायाँ मिलसी ।।


वा ने ही लुगायाँ मिलसी,

वे करमां रा फल भोगेला ।


लुगायाँ री सुणता सुणता,

होजासी पूरा गेला ।।



आखिर में "प्रभु"बोल्या,

सुणो वचन ध्यान से म्हारा ।


सुख सूं जीवन जीणो है तो,

रह जाया 'कुँवारा' ।


कहे कवि मिठू", 'कुँवारा'

अब राजी हो जावो ।

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