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गाय पर निबंध

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 *गाय :- भारतीय संस्कृति की धरोहर* भारत में गाय को केवल एक पशु नहीं, बल्कि माता का स्थान दिया गया है। प्राचीन काल से ही भारतीय संस्कृति में गाय को पवित्र और पूजनीय माना गया है। इसे "गौमाता" कहा जाता है क्योंकि यह हमें पोषण और जीवन के लिए आवश्यक संसाधन प्रदान करती है। गाय के दूध से बना घी, दही और मक्खन न केवल स्वादिष्ट होते हैं, बल्कि स्वास्थ्यवर्धक भी होते हैं। आयुर्वेद में तो गाय के दूध और घी को औषधि के रूप में बताया गया है। इतना ही नहीं, गाय का गोबर और गोमूत्र भी कृषि में और प्राकृतिक उपचारों में अत्यंत उपयोगी हैं। ग्रामीण भारत में गाय खेती-बाड़ी की आत्मा मानी जाती है। किसान के लिए यह न केवल आर्थिक सहारा है, बल्कि उसकी रोज़मर्रा की ज़िंदगी का अहम हिस्सा भी है। प्राचीन ग्रंथों में कहा गया है, "जहाँ गाय का वास होता है, वहाँ समृद्धि और शांति निवास करती है।" आज के आधुनिक युग में भी गाय का महत्व कम नहीं हुआ है। जैविक खेती, प्राकृतिक खाद और स्वास्थ्यकर जीवनशैली की ओर लौटते समय गाय का योगदान और भी बढ़ जाता है। अतः हमें चाहिए कि हम गायों की रक्षा करें, उनकी देखभाल करें और...
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हरीश चौधरी राजस्थान के बाड़मेर जिले के बायतु विधानसभा क्षेत्र से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) के एक प्रमुख नेता और विधायक हैं। वे जाट समुदाय के प्रभावशाली नेता हैं और किसानों, ग्रामीण विकास, और सामाजिक मुद्दों के लिए अपने समर्पण के लिए जाने जाते हैं। उनकी राजनीतिक यात्रा स्थानीय स्तर से शुरू होकर राष्ट्रीय स्तर तक पहुंची है, और वे INC के संगठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।व्यक्तिगत जानकारीजन्म: 13 मई 1970, बायतु, बाड़मेर, राजस्थान। शिक्षा: बीएससी (1990), जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय, जोधपुर। एमए (अर्थशास्त्र, 1992), जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय, जोधपुर। परिवार: पत्नी: उनकी पत्नी का नाम सार्वजनिक रूप से कम उल्लेखित है, लेकिन उनकी आय का स्रोत किराया और ब्याज बताया जाता है (चुनावी हलफनामे के अनुसार)। बेटा: कार्तिकेय चौधरी, जिन्होंने किंग्स कॉलेज लंदन से अंतरराष्ट्रीय संबंधों (International Relations) में बीए (ऑनर्स) की डिग्री 2024 में पूरी की। हरीश ने 31 जुलाई 2024 को X पर कार्तिकेय के स्नातक समारोह की तस्वीरें साझा की थीं। अन्य परिवार: उनके परिवार के अन्य सदस्यों की जानकारी सार्व...

चांदनी रात की हथाई

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 🌙✨ चाँदनी रात की हथाई ✨🌙 राजस्थान की धरती 🏜️ पर गाँव की शामों का अपना ही अलग रंग होता है। दिनभर की तपती धूप ☀️ और मेहनत के बाद जब रात का सन्नाटा उतरता है, तो गाँव का चौपाल 🎶 जैसे जीवन से भर उठता है। खुले आकाश तले चमकते चाँद की रोशनी 🌕 और ठंडी हवाएँ 🌬️ हर मन को सुकून देती हैं। इस तस्वीर में वही दृश्य झलकता है 📸 – रेत से सजा आँगन 🏡, चारपाई पर बैठे ग्रामीण 👳‍♂️, सफेद परिधान और लाल पगड़ी 🎩 में सजीव परंपरा। यह केवल बातचीत नहीं, बल्कि “हथाई” है 🤝 – राजस्थान की वह पुरानी परंपरा जहाँ लोग रात को चाँदनी में किस्से 📖, कहानियाँ 🗣️ और अनुभव साझा करते हैं। पीछे बनी झोपड़ी 🛖, मिट्टी की महक 🌾 और हवा में घुला अपनापन 💕 इस दृश्य को और भी जीवंत बना देता है। कैमरे 🎥 और रोशनी के बीच भी यह पल अपनी मौलिकता और सादगी ✨ को सँजोए हुए है। 👉 यह दृश्य हमें याद दिलाता है कि जीवन की असली सुंदरता 🌸 बड़े शहरों 🏙️ या आधुनिक साधनों में नहीं, बल्कि इन छोटे-छोटे पलों में छिपी होती है। गाँव का चौपाल, चाँदनी रात और अपने लोग 👨‍👩‍👦 – यही है असली सुख और  संस्कृति की पहचान। 🌿