हरीश चौधरी राजस्थान के बाड़मेर जिले के बायतु विधानसभा क्षेत्र से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) के एक प्रमुख नेता और विधायक हैं। वे जाट समुदाय के प्रभावशाली नेता हैं और किसानों, ग्रामीण विकास, और सामाजिक मुद्दों के लिए अपने समर्पण के लिए जाने जाते हैं। उनकी राजनीतिक यात्रा स्थानीय स्तर से शुरू होकर राष्ट्रीय स्तर तक पहुंची है, और वे INC के संगठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।व्यक्तिगत जानकारीजन्म: 13 मई 1970, बायतु, बाड़मेर, राजस्थान।
शिक्षा: बीएससी (1990), जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय, जोधपुर।
एमए (अर्थशास्त्र, 1992), जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय, जोधपुर।
परिवार: पत्नी: उनकी पत्नी का नाम सार्वजनिक रूप से कम उल्लेखित है, लेकिन उनकी आय का स्रोत किराया और ब्याज बताया जाता है (चुनावी हलफनामे के अनुसार)।
बेटा: कार्तिकेय चौधरी, जिन्होंने किंग्स कॉलेज लंदन से अंतरराष्ट्रीय संबंधों (International Relations) में बीए (ऑनर्स) की डिग्री 2024 में पूरी की। हरीश ने 31 जुलाई 2024 को X पर कार्तिकेय के स्नातक समारोह की तस्वीरें साझा की थीं।
अन्य परिवार: उनके परिवार के अन्य सदस्यों की जानकारी सार्वजनिक रूप से सीमित है।
समुदाय: हरीश चौधरी जाट समुदाय से हैं, जो राजस्थान, हरियाणा, और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में एक प्रभावशाली सामाजिक और राजनीतिक समूह है।
राजनीतिक करियरहरीश चौधरी ने अपनी राजनीति की शुरुआत युवा कांग्रेस से की और धीरे-धीरे INC में अपनी जगह बनाई। उनकी यात्रा स्थानीय से राष्ट्रीय स्तर तक रही है, और वे अपनी सादगी, जमीनी जुड़ाव, और संगठनात्मक क्षमता के लिए जाने जाते हैं।1. प्रमुख पदवर्तमान:बायतु विधायक: हरीश चौधरी 2018 और 2023 के राजस्थान विधानसभा चुनावों में बायतु से विधायक चुने गए। 2018: राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (RLP) के उम्मेदाराम बेनीवाल को 13,803 वोटों से हराया।
2023: फिर से उम्मेदाराम बेनीवाल को हराया, लेकिन इस बार केवल 910 वोटों के अंतर से, जो क्षेत्र में बढ़ती प्रतिस्पर्धा को दर्शाता है।
AICC सचिव: वे ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी (AICC) के राष्ट्रीय सचिव हैं।
मध्य प्रदेश प्रभारी: 2023 के बाद उन्हें मध्य प्रदेश के लिए INC का प्रभारी बनाया गया, जहाँ वे पार्टी को मजबूत करने में सक्रिय हैं।
पिछले पद:लोकसभा सांसद: 2004 और 2009 में बाड़मेर-जैसलमेर से सांसद रहे। 2009 में उन्होंने बीजेपी के उम्मीदवार को हराया, लेकिन 2014 में वे बीजेपी के कर्नल सोनाराम चौधरी से हार गए।
पंजाब और चंडीगढ़ प्रभारी: AICC सचिव के रूप में उन्होंने पंजाब में पार्टी की रणनीति को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
राजस्व मंत्री: 2018 में राजस्थान में कांग्रेस सरकार बनने पर वे राजस्व मंत्री बने और भूमि सुधारों पर काम किया।
2. चुनावी इतिहास2004 (लोकसभा): बाड़मेर-जैसलमेर से जीते।
2009 (लोकसभा): फिर से बाड़मेर-जैसलमेर से जीते।
2014 (लोकसभा): बीजेपी के कर्नल सोनाराम से हारे।
2018 (विधानसभा): बायतु से जीते (13,803 वोटों का अंतर)।
2023 (विधानसभा): बायतु से जीते (910 वोटों का अंतर)।
3. राजनीतिक शैलीजमीनी जुड़ाव: हरीश चौधरी अपनी सादगी और जनता से सीधे संवाद के लिए जाने जाते हैं। वे नियमित रूप से जनसंवाद कार्यक्रम आयोजित करते हैं, जैसे 22 मार्च 2025 को बायतु ढाणी में।
किसान हित: वे किसानों के मुद्दों, जैसे सिंचाई, पानी की उपलब्धता, और OBC आरक्षण, पर मुखर रहे हैं। 2022 में उन्होंने OBC आरक्षण में विसंगतियों के खिलाफ आंदोलन की धमकी दी थी।
जाट समुदाय: जाट समुदाय के बीच उनकी मजबूत पकड़ INC के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह समुदाय राजस्थान और अन्य राज्यों में एक बड़ा वोट बैंक है।
संगठनात्मक कौशल: पंजाब और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में प्रभारी के रूप में उन्होंने पार्टी के संगठन को मजबूत करने में योगदान दिया है।
बायतु में योगदानबायतु, बाड़मेर जिले का एक ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र है, जहाँ कृषि और पशुपालन मुख्य आजीविका हैं। हरीश चौधरी ने अपने क्षेत्र में कई विकास कार्य किए हैं:पानी की सुविधा:उनके प्रयासों से बायतु के कई गाँवों में ट्यूबवेल स्वीकृत हुए, जिससे मीठे पानी की उपलब्धता बढ़ी। उदाहरण के लिए, 20 मार्च 2025 को इंद्राणियों का तला गाँव में ट्यूबवेल से मीठा पानी निकलने पर ग्रामीणों ने उनकी प्रशंसा की।
बायतु में जल संकट एक प्रमुख मुद्दा है, और हरीश ने इस दिशा में कई परियोजनाएँ शुरू कीं।
सड़क निर्माण:उनके कार्यकाल में बायतु में 1200 किलोमीटर से अधिक सड़कों का निर्माण हुआ, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में कनेक्टिविटी सुधरी।
किसान और ग्रामीण विकास:हरीश चौधरी ने किसानों के लिए फसल बीमा, बिजली आपूर्ति, और अन्य सुविधाओं पर ध्यान दिया है।
उन्होंने बायतु में सामुदायिक केंद्रों और स्कूलों के विकास में भी योगदान दिया है।
जनसंवाद:वे नियमित रूप से जनसंवाद आयोजित करते हैं, जैसे 22 मार्च 2025 को बायतु ढाणी में, जहाँ वे स्थानीय लोगों की समस्याएँ सुनते हैं और समाधान का प्रयास करते हैं। इन आयोजनों की तस्वीरें और अपडेट वे X पर साझा करते हैं।
INC में भूमिका और हाल की गतिविधियाँहरीश चौधरी INC के लिए एक महत्वपूर्ण नेता हैं, खासकर राजस्थान और मध्य प्रदेश में। उनकी हाल की गतिविधियों में शामिल हैं:मध्य प्रदेश प्रभारी:2023 के मध्य प्रदेश विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की हार के बाद, हरीश चौधरी को पार्टी को पुनर्जनन करने का जिम्मा सौंपा गया। वे स्थानीय नेताओं के साथ समन्वय कर रहे हैं और 2024-25 में संगठन को मजबूत करने के लिए रणनीति बना रहे हैं।
उनकी नियुक्ति से यह संकेत मिलता है कि INC उन्हें एक विश्वसनीय और अनुभवी नेता मानती है।
X पर सक्रियता:हरीश चौधरी X पर सक्रिय हैं और नियमित रूप से अपने कार्यों, जनसंवादों, और निजी उपलब्धियों (जैसे बेटे कार्तिकेय की पढ़ाई) को साझा करते हैं।
31 जुलाई 2024 को उन्होंने कार्तिकेय के किंग्स कॉलेज लंदन से स्नातक होने की पोस्ट साझा की, जिसमें उन्होंने अपने बेटे की मेहनत की प्रशंसा की।
20 और 22 मार्च 2025 को उन्होंने बायतु में ट्यूबवेल और जनसंवाद की तस्वीरें साझा कीं।
OBC और किसान मुद्दे:हरीश चौधरी OBC आरक्षण और किसान कल्याण के लिए लगातार आवाज उठाते हैं। 2022 में उन्होंने राजस्थान में OBC आरक्षण में विसंगतियों के खिलाफ आंदोलन की चेतावनी दी थी, जो उनकी सामाजिक प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
कार्तिकेय चौधरी और परिवारकार्तिकेय चौधरी: हरीश चौधरी के बेटे कार्तिकेय ने किंग्स कॉलेज लंदन से अंतरराष्ट्रीय संबंधों में बीए (ऑनर्स) की डिग्री 2024 में पूरी की। यह कोर्स वैश्विक राजनीति, कूटनीति, और अंतरराष्ट्रीय संगठनों पर केंद्रित है, जो उन्हें वैश्विक मंच पर काम करने की क्षमता प्रदान करता है।
परिवार की गोपनीयता: हरीश चौधरी अपने परिवार के बारे में ज्यादा सार्वजनिक जानकारी साझा नहीं करते, लेकिन कार्तिकेय की पढ़ाई को लेकर उनकी गर्व की भावना उनकी X पोस्ट से स्पष्ट है।
वर्तमान स्थिति: यह स्पष्ट नहीं है कि कार्तिकेय वर्तमान में (17 अगस्त 2025) लंदन में हैं या भारत में, लेकिन उनकी डिग्री पूरी होने के बाद वे शायद करियर की शुरुआत कर रहे होंगे।
बायतु का संदर्भक्षेत्रीय विशेषताएँ: बायतु एक ग्रामीण क्षेत्र है, जहाँ जाट समुदाय की बहुलता है। यहाँ की मुख्य समस्याएँ पानी की कमी, सड़कों की स्थिति, और कृषि सुविधाएँ हैं।
राजनीतिक गतिशीलता: बायतु में हरीश चौधरी की जीत 2018 में मजबूत थी, लेकिन 2023 में कम अंतर से जीत दर्शाती है कि RLP और अन्य विपक्षी दलों से प्रतिस्पर्धा बढ़ रही है।
विकास: हरीश चौधरी ने बायतु को विकास के पथ पर ले जाने के लिए कई कदम उठाए हैं, जैसे ट्यूबवेल, सड़क निर्माण, और स्कूलों का विकास।
विवाद और आलोचनाएँहरीश चौधरी का करियर अपेक्षाकृत विवादों से मुक्त रहा है। हालांकि, कुछ मौकों पर:RLP के साथ प्रतिस्पर्धा: बायतु में राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (RLP) के साथ उनकी कड़ी टक्कर रही है, और 2023 में कम अंतर की जीत ने उनकी स्थिति को कुछ हद तक कमजोर दिखाया।
OBC आरक्षण: 2022 में OBC आरक्षण के मुद्दे पर उनकी आंदोलन की धमकी को कुछ आलोचकों ने राजनीतिक रणनीति माना।
फिर भी, उनकी सादगी और जनता से जुड़ाव के कारण उनकी छवि सकारात्मक बनी हुई है।
निष्कर्षहरीश चौधरी एक समर्पित कांग्रेस नेता हैं, जिन्होंने बायतु और राजस्थान की राजनीति में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज की है। उनकी जमीनी पकड़, किसान हितों के प्रति प्रतिबद्धता, और INC के संगठन में योगदान उन्हें एक महत्वपूर्ण व्यक्तित्व बनाता है। उनके बेटे कार्तिकेय की पढ़ाई किंग्स कॉलेज लंदन से पूरी होने से उनके परिवार की शैक्षणिक उपलब्धियाँ भी सामने आती हैं। वे बायतु में विकास कार्यों और मध्य प्रदेश में कांग्रेस को मजबूत करने में सक्रिय हैं।अगर आप हरीश चौधरी के किसी विशेष पहलू (जैसे उनके मध्य प्रदेश प्रभारी के रूप में काम, बायतु में विशिष्ट परियोजनाएँ, या उनके परिवार के बारे में और जानकारी) पर गहराई से जानना चाहते हैं ||
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