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रेत में बसी एक दुनिया:

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  रेत में बसी एक दुनिया: थार के दिल से एक कहानी सुदूर थार के रेगिस्तान में, जहाँ रेत का हर कण सदीयों की कहानियाँ समेटे हुए है, एक छोटा-सा आशियाना आज भी ज़िन्दगी की सादगी और आत्मनिर्भरता की मिसाल बना खड़ा है। यह कोई आधुनिक कंक्रीट की इमारत नहीं, बल्कि मिट्टी, लकड़ी, और इंसानी रिश्तों से बनी एक ज़िन्दा तस्वीर है — जिसे देख कर महसूस होता है कि वक्त शायद थम गया हो। चित्र में दिखाई दे रही यह बस्ती किसी फिल्म का सेट नहीं, बल्कि हकीकत है। चारों ओर काँटेदार झाड़ियों से घिरी हुई यह बाड़ा, घर की सुरक्षा और निजता दोनों का प्रतीक है। इसके भीतर तीन अलग-अलग तरह की रचनाएँ हैं — एक ईंटों से बनी पक्की दीवारों वाली संरचना, एक परंपरागत गोल झोपड़ी जिसकी छत घास-फूस से बनी है, और एक खुला आँगन जहाँ शायद जीवन अपने सबसे सरल रूप में साँस लेता है। पीछे फैला हुआ रेगिस्तानी इलाका, झाड़ियों से भरा हुआ, जीवन की जिजीविषा का गवाह है। यहाँ के पेड़–खासतौर पर कीकर और बबूल–धूप, धूल और तपिश के बीच भी सिर उठाकर खड़े हैं, मानो ये कह रहे हों कि संघर्ष ही जीवन का दूसरा नाम है। इस घर के द्वार पर खड़ा व्यक्ति, शायद घर का मुख...

मारवाड़ी हूंकार बात

 सब 'कुँवारा' भाई लोगा ने सादर समर्पित ।   💘🙇💘"कुँवारा री पीड़"💘🙇💘 दुनिया का सब 'कुँवारा'मिल कर, मीटिंग है बुलवाई । जा कर के 'भगवान' के आगे अर्जी एक लगाई ।। अर्जी एक लगाई, "प्रभु"म्हारी नैया पार लगावो। काई बिगाड्यो थाँ को, म्हाने क्यूँ नहीं परणावो ।। म्हे सुणी हां थारे पास, है सगळा की जोड़ी । म्हारी बारी कद आसी, म्हे कद चढ़ाला घोड़ी ।। कद चढाला घोड़ी, लुगाई म्हाने भी दिलवाओ । दुनिया ताना मारे वां को, मुण्डो बंद करावो ।। इस्यो कांई बुरो कियो जो, म्हे इतनो दुःख पाँवा । रोजीना थाँ के मिन्दर में, हाज़री लगावा ।। हाज़री लगावा , रोज चढ़ावां लाडू पेठा । धारली ढिठाई थे तो, निष्ठुर बन कर बेठा ।। पग पकड़ां 'भगवान्' थारां, अब थाँ को जिद छोड़ो । सगळा काम करा हाथां सु, रोट्यां को भी फोड़ो ।। रोट्यां को भी फोड़ो, पाँती आवे जिसी देदो । नहीं देणे री मन में है तो, साफ़ साफ़ कहदो ।। 'कुँवारा'की बात सुण कर , "भगवन" कर्यो विचार । आ सगळा की किस्मत में, कैयां कोनी 'नार' ।। कैयां कोनी 'नार', देखणा पड़ सी सगळा खाता । इत्ती बड़ी भू...

यह राजस्थान है यहां पर जीवों के प्रति स्नेह अपार हैं इस तस्वीर में बाबा जी का स्नेह ऊंट के प्रति स्नेह देखा जा सकता है ❤️

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 उंट के प्रति स्नेह - राजस्थान 

यह मारवाड़ हैं , यहां थार का सबसे बड़ा मरुस्थल है , यह राजस्थान के पश्चिमी जिलों तथा अधिकांश पाकिस्तान में है , इस मरुस्थल को देखने के लिए देश-विदेश से लोग आते हैं | राजस्थान के दर्शनीय स्थल में शामिल हैं

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